BIHAR
नेशनल रैंकिंग में आना तो दूर, आवेदन करने की भी स्थिति में नहीं हैं बिहार के यूनिवर्सिटी और कॉलेज

राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय व कॉलेज को नेशनल रैकिंग प्राप्त नहीं है. स्थिति ऐसी है कि नेशनल रैकिंग तो दूर उसके लिए आवेदन करने तक करने की स्थिति में राज्य के विवि व कॉलेज नहीं हैं. समस्या यह है कि नेशनल रैंकिंग में जाने के लिए नैक मान्यता प्राप्त होना बहुत जरूरी है. राज्य में सिर्फ दो ही विवि को नैक में मान्यता प्राप्त है. वहीं एक भी विवि ऐसा नहीं है, जिसे नैक में ‘ए’ या ‘ए प्लस’ ग्रेड प्राप्त हो. सिर्फ पटना विवि को नैक में ‘बी प्लस’ ग्रेड प्राप्त है, लेकिन विवि ने आवेदन नहीं किया. चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी की नैक मान्यता समाप्त थी और चूंकि अभी नैक में ‘बी’ ग्रेड प्राप्त हुआ है. वह भी इस सत्र के लिए आवेदन नहीं कर सका था.
पटना विवि अगली नेशनल रैंकिंग में लेगा भाग
पटना विश्वविद्यालय नेशनल रैंकिंग के लिए आवेदन कर सकता है. नैक में बी प्लस ग्रेड मिलने के बाद ही विवि के द्वारा उसके लिए आवेदन करने की बात कही जा रही है. लेकिन विगत कुछ वर्षों में कोरोना व कुछ अन्य वजहों से ऐसा विवि नहीं कर पाया. लेकिन विवि अगली प्रक्रिया के लिए आवेदन करने को लेकर तैयारी कर रहा है. पटना विश्वविद्यालय के स्टूडेट्स वेलफेयर डीन प्रो अनिल कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय नैक में बी प्लस मान्यता प्राप्त है और नेशनल रैंकिंग के लिए आवेदन कर सकता है.
पूर्व कुलपति बोले- गंभीर होकर ओर प्रयास की आवश्यकता
जो विवि व कॉलेज नैक में मान्यता प्राप्त हैं, उन्हें नेशनल रैंकिंग के लिए आवेदन करना चाहिए. नैक रैंकिंग के लिए उपयुक्त बिंदुओं के साथ कई और चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी. इसके लिए सिर्फ विवि ही नहीं सरकार को भी आगे आने होगा और समेकित प्रयास की जरूरत है. कई स्टेट विवि नेशनल रैंकिंग के लिए आवेदन करते हैं, और रैंकिंग में आ रहे हैं. राज्य के विवि अभी इसमें कोसों दूर हैं. गंभीर होकर ओर प्रयास की आवश्यकता है.
Source: Prabhat Khabar
BIHAR
जिस पति को पाने के लिए घर से की बगावत उसी ने शादी के महज तीन साल बाद दी दर्दनाक मौत

बगहा. अनिता और अनिल एक दूसरे के साथ सात जन्मों तक साथ निभाने का वायदा करते नहीं थकते थे. अनिता तीन साल पहले अनिल के प्रेम में इस कदर पागल हुई कि उसने अपने परिवार से ही बगावत कर लिया जिसने उसे जन्म देने के बाद उसकी परवरिश की. अनिता और अनिल की प्रेम कहानी जब परवान चढने लगा तो ग्रामीणों ने वर्ष 2019 में दोनों का प्रेम विवाह कराकर साथ जीने का आजाद कर दिया. अनिता भी प्रेमी से पति बने अनिल चौधरी के साथ हंसी खुशी रहने लगी लेकिन दोनों की खुशी को परिवार की नजर लग गई.
प्रेम कहानी बिहार के बगहा की है जहां लालच ने कलह पैदा कर दिया. सब रिश्ते को छोड़कर ससुराल पहुंची अनिता के परिजनों से दहेज की मांग होने लगी. बात-बात में मारपीट और झगड़ा के बीत अनिता का सपना टूट गया जिसे देखकर वह अनिल के साथ आई थी. शनिवार की रात उसकी आखिरी रात बन गई जब अनिल के घर से उसकी अर्थी निकल पड़ी.
दहेज के लिए हत्या का आरोप, पिता ने कहा- बेटी को किया जाता रहा प्रताड़ित
बगहा नगर थाना क्षेत्र के आनंद नगर मुहल्ला वार्ड संख्या 26 निवासी छोटेलाल चौधरी के पुत्र अनिल चौधरी की पत्नी अनिता देवी की संदेहास्पद स्थिति में लाश मिलने से गांव में हड़कंप मच गया. ग्रामीणों ने बताया कि अनिता और अनिल चौधरी की शादी प्रेम प्रसंग में हुई थी. ग्रामीणों के समक्ष बिना दान दहेज के. मृत विवाहिता के पिता सुभाष चौधरी ने बताया कि मेरी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. 3 लाख रुपये की मांग की जा रही थी. मैं दहेज में 3 लाख रुपया नहीं दिया तो मेरी बेटी की गला दबा कर ससुर छोटेलाल चौधरी, अनिल चौधरी और सास चिंता देवी ने हत्या कर दी.
आरोपी पति के साथ सास-ससुर भी गिरफ्तार
अनिता की हत्या की खबर के तत्काल बाद पहुंची पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराया. हत्या के मामलें में पुलिस ने अनिता के पति अनिल चौधरी, ससुर छोटेलाल चौधरी और सास चिंता देवी को गिरफ्तार कर लिया है. बगहा थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस की टीम तफ्तीश कर मामलें के खुलासा करने में जुटी है. एसडीपीओ कैलाश प्रसाद ने बताया कि मृतका के पिता सुभाष चौधरी ने बेटी की हत्या करने का मामला दर्ज कराया है. मौके पर पहुंचे नगर थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने शव को अपने कब्जे में लेकर सास ससुर व पति, तीनों को गिरफ्तार कर लिया है तथा घटना के कारणों की जांच में पुलिस जुट गई है.
Source : News18
MUZAFFARPUR
सावन के हरे रंग में सराबोर हुई सुहागिनें खूब लगाए ठुमके

हाय हाय रे ये मज़बूरी,तेरे सौ टकिए की नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाए,,,,,चूडी मजा न देगी कंगन मजा न देगा, तेरे बगैर साजन सावन मजा न देगा,,,,,सावन का महीना और हरी साड़ी से लिपटी सुहागिन जब एक जगह जुटेंगी तो ठुमके भी लगेंगे।
कुछ ऐसा ही हुआ रविवार को आयोजित “हरीतिमा सावन महोत्सव” में स्थानीय कलमबाग चौक स्थित एक होटल में आयोजित महोत्सव में महिलाओं ने घर के काम काज में से खुद को आजाद कर अपने माहौल को खूब जीया।
सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर गणेश वन्दना घर पे पधारो गज़ानन्द जी,,,,के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की।
रैम्प वाक में सावन क्विन रश्मि प्रभात रंजन,फर्स्ट रनर अप अनामिका, सेकेंड रनर अप दीपा, डांस में अर्पिता, पुष्पांजलि चुनी गई। महिलाओं ने स्वछन्द होकर खूब मस्ती की। बावजूद अपनी परंपरा को नहीं छोड़ा। अरबा चावल,दूभी,सिंदूर, बिन्दी अंजुरी में ले रुपा सिंह ने सबके खोंईच्छा भर कर विदा किए।
संचालन कवियित्री मीनाक्षी मीनल ने किया। भूमिहार महिला समाज की ओर से आयोजित महोत्सव में कविता सिंह, सपना राज,डॉ सुभद्राकुमारी, डॉ बोधि कश्यप, पल्लवी दत्ता, भावना भूषण,मंजू सिंह, अनामिका सिंह, रश्मि सुमि,सोनी तिवारी, कोमल सिंह सहित सौ से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
BIHAR
ललन सिंह बोले- नीतीश कुमार का कद घटाने को हुआ षड्यंत्र, आरसीपी थे दूसरा ‘चिराग मॉडल’

आरसीपी सिंह इस्तीफे और उसके बाद चल रही गतिविधि पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि पार्टी से आरसीपी सिंह के त्यागपत्र देने पर मुझे कुछ नहीं कहना. लेकिन आरसीपी सिंह ने जो कहा, उस पर मुझे आश्चर्य है. उन्होंने कहा कि दरअसल यह नीतीश कुमार का कद घटाने को षड्यंत्र हुआ है. समय आने पर बताया जाएगा कि यह साजिश किसने की.
ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह पर नीतीश कुमार ने खूब भरोसा किया. नीतीश कुमार ने उनकी पहचान बनाई. आरसीपी सिंह जेडीयू को जानते ही कितना है? ललन सिंह ने कहा कि वे कभी संघर्ष के साथी नहीं रहे. वे हमेशा सत्ता के साथी रहे. इस बार सत्ता जाने की उनकी बौखलाहट दिखी. ललन सिंह के मुताबिक, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी बने नहीं, बल्कि नीतीश कुमार ने उन्हें बनाया. मुझे भी नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. मैं जेडीयू का केयरटेकर हूं.
ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के उस बयान को आड़े हाथ लिया, जिसमें उन्होंने जदयू को डूबता जहाज बताया था. ललन सिंह ने कहा कि जेडीयू डूबता नहीं, दौड़ता जहाज है. नीतीश कुमार ने जहाज में छेद करने वाले को बाहर निकाल दिया. ललन सिंह ने कहा कि एक चिराग तैयार था, दूसरा चिराग मॉडल तैयार हो रहा था.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आरसीपी को जेडीयू की एबीसीडी भी पता नहीं. वे क्या जानते हैं समता पार्टी और जेडीयू के बारे में? आरसीपी सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर तंज करते हुए ललन सिंह ने कहा कि माला लेकर गए और खुद पहन लिया. नीतीश कुमार भुंजा खाते हैं, इस पर भी आपत्ति है.
ललन सिंह ने आरसीपी के बयान को लेकर पूछा, अगर नीतीश कुमार काम नहीं करते हैं तो बिहार का विकास कैसे हुआ. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह को देर सबेर जाना था. उनका तन यहां था और मन कहीं और. त्यागपत्र दे दिए, अब जहां मन करे, चले जाइए. आप स्वतंत्र नागरिक हैं.
ललन सिंह ने कहा कि षड्यंत्र कैसे हुआ, कहां हुआ, हमें मालूम है. सब प्रमाण है. समय आने पर बताया जाएगा. जेडीयू सांसदों की बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे कोई जानकारी नहीं है मुझे. उन्होंने कहा कि एनडीए में ऑल इज वेल है.
केंद्र के साथ तालमेल को लेकर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव और उपराष्ट्रपति चुनाव में हम साथ रहे हैं. लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल होने की क्या जरूरत है. 2019 में नीतीश कुमार का निर्णय था कि हम मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगे. देश में महंगाई के मुद्दे को राजद के उठाने को लेकर ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी को लगता है यह जनता का मुद्दा है. उन्होंने उठाया है तो हम विरोध क्यों करें.
ललन सिंह ने कहा कि कुछ लोग नाव में छेद कर पानी घुसाना चाहते हैं. हम नीतीश कुमार के आभारी हैं कि उन्होंने साजिश पहचाना ली. उन्होंने कहा कि सत्ता जाने पर आरसीपी सिंह की बौखलाहट स्वाभाविक है. आरसीपी सिंह लकीर मिटाने की कोशिश कर रहे हैं.
Source : News18
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