मुजफ्फरपुर : बिहार विधानपरिषद् में मुजफ्फरपुर के झाेला छाप डाॅक्टराें के विरुद्ध अबतक काेई कार्रवाई नहीं हाेने का मामला उठाया गया। विधान पार्षद देवेश कुमार ने इस मामले काे विधानपरिषद में उठाते हुए कहा है कि एक झाेला छाप डॉक्टर की लापरवाही से सुनीता नामक महिला की दाेनाें किडनी निकाल ली गई लेकिन इन फर्जी डाॅक्टराें पर अबतक काेई कार्रवाई नहीं हुई हैं। इस मामले में उन्हाेंने विधानपरिषद में सरकार से तारांकित प्रश्न का जबाव मांगा है।स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी शिशिर कुमार मिश्रा ने इसे लेके कार्यपालक निदेशक के माध्यम से मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन से रिपाेर्ट मांगते हुए कहा है कि 24 घंटे में यह रिपाेर्ट भेजी जाए कि झाेला छाप डाॅक्टराें पर अबतक क्या कार्रवाई की गई हैं।
गौरतलब हैं कि सकरा की रहने वाली सुनीता देवी यूट्रस का ऑपरेशन कराने नर्सिंग हाेम में गई थी, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर ने उसकी दोनों किडनी निकाल दी। जिसके बाद पीड़ित महिला को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया लेकिन स्थिति ज्यादा खराब होने के बाद पटना के आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया।वहां उसका 18 बार डायलिसिस किया गया लेकिन फिर से एसकेएमसीएच वापस भेज दिया गया। यहां भी उसकी डायलिसिस की जा रही है। सुनीता अभी भी जिंदगी मौत के बीच खड़ी हैं क्योंकि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उसे अब तक कोई डाेनर नहीं मिला हैं।