15 दिनों से मानसूनी बारिश का इंतजार अब खत्म हाेने काे है। मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्तर बिहार में मानसूनी रेखा मंगलवार काे पहुंच गई। इसके प्रभाव में बादलों का उमड़ना-घुुमड़ना भी शुरू हाे गया। हालांकि, आसमान में हल्के बादल के ओट से भी धूप की तीखी किरणें लाेगाें काे परेशान करती रही।
अधिकतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक 34.4 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया। साथ में उमस भी काफी रही। इस बीच मौसम विभाग ने बुधवार की सुबह से पूरे क्षेत्र में बारिश हाेने की संभावना जताई है।
48 घंटे में पश्चिम चंपारण और नेपाल के तराई क्षेत्रों में अधिक बारिश की संभावना है। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर जिले में 19 जुलाई तक 202 मिलीमीटर बारिश हाेनी चाहिए थी। लेकिन, अब तक औसत बारिश करीब 90 फीसदी कम महज 21 मिलीमीटर हुई है।
अब लगातार अत्यधिक गर्मी और खेतों में फट रही दरारों से परेशान किसानों का इंतजार खत्म हाेने के आसार हैं। क्षेत्र में 48 घंटे झमाझम बारिश हाेने से दिन-रात के तापमान में भी कमी अाएगी। मंगलवार काे बादल छाने से सेामवार की अपेक्षा अधिकतम तापमान एक डिग्री कम रहा। जबकि, 0.2 डिग्री कमी के साथ न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री दर्ज किया गया। तापमान में इस मामूली कमी के कारण उमसभरी तीखी गर्मी से काेई राहत नहीं मिली।
सक्रिय है पर क्षेत्र में कमजोर है मानसून
मुजफ्फरपुर में मानसून की दाेबारा एंट्री के बाद भी मौसम विभाग ने कम बारिश की संभावना जताई है। बुधवार से 48 घंटे क्षेत्र में हल्की से मध्यम तक बारिश हाे सकती है। हालांकि, नेपाल से सटे तराई क्षेत्रों, पश्चिम और पूर्वी चंपारण के कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है। 24 जुलाई से अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम 25 डिग्री के आसपास रहने से उमसभरी गर्मी भी जारी रह सकती है। वैसे 12 से 18 किलोमीटर की रफ्तार से पुरवा हवा चलेगी।
ऊंची जमीन पर मक्का, तिल और उड़द की खेती फायदेमंद
अब हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हाेने पर किसानों काे निचली जमीन पर ही धनरोपनी करनी चाहिए। मौसम विभाग के अनुसार अधिक बारिश की संभावना नहीं है। खेत सूखे हैं। लिहाजा ऊंची जमीन पर किसानों काे मक्का, तिल, मूंग व उड़द की खेती करनी चाहिए। लीची, आम और केले के पौधे अभी लगाना फायदेमंद हाेगा।
Source: Dainik Bhaskar