पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निर्देश पर शुक्रवार से राज्य में सभी तरह के प्लास्टिक कैरी बैग की बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा सिंगल यूज प्लास्टिक शीट, कैरी बैग, पैकेजिंग सामग्री, थर्मोकोल एवं उससे उत्पादित कप, प्लेट, ग्लास, कांटा, चम्मच, कटोरी आदि की बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार घोष का कहना है कि केंद्र एवं राज्य सरकार के निर्देश पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रदेश में एक जुलाई से पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसकेलिए छह माह से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था। अब पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के सीधे उपयोग के साथ पैकेजिंग में भी उसका उपयोग नहीं किया जाएगा। पकड़े जाने पर आमजनों को 500 से दो हजार रुपये तो औद्योगिक स्तर पर इसके इस्तेमाल पर 20 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना या पांच वर्ष तक की जेल या दोनों की सजा दी जा सकती है।
प्लास्टिक के झंडे पर भी प्रतिबंध
डा. अशोक कुमार घोष का कहना है कि नए नियमों के अनुसार प्लास्टिक के झंडों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा पानी के पाउच एवं पैकेट आदि की बिक्री, उपयोग, भंडारण, आदि पर रोक लगा दी गई है।
प्रतिबंधित सामग्री
कैरी बैग, प्लास्टिक शीट, थर्मोकोल के कप, प्लेट, इयर बड्स, गुब्बारा स्टिक, फ्लैग स्टिक, ग्लास, प्लास्टिक चाकू, ट्रे, मिठाई का प्लास्टिक का डब्बा, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक एवं पीवीसी बैनर आदि।
कंपोस्ट बनाने योग्य प्लास्टिक से बनी चीजों पर प्रतिबंध नहीं
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि वैसे उत्पाद जो प्लास्टिक से पैकेजिंग या बनाई गई है, जिस प्लास्टिक का कंपोस्ट बनाया जा सकता है। उस पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
30 जून तक बाजार में बिकता रहा कैरी बैग
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से पिछले छह माह से समाज के विभिन्न तबकों के बीच सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था। इसके बावजूद गुरुवार तक राजधानी के सब्जी एवं फल मंडियों में कैरी बैग का उपयोग होता रहा। सब्जी विक्रेता प्लास्टिक के कैरी बैग में लोगों को सब्जी मुहैया करा रहे थे।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध बड़ी चुनौती
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध आसान नहीं है। यह प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। पूर्व के अनुभव कुछ यही बताते हैं। घर से लेकर बाजार, कार्यालय चारों तरफ सिंगल यूज प्लास्टिक पर निर्भरता बढ़ी है।
Source: Dainik Jagran