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अगस्त से होंगे ये 5 बड़े बदलाव, जिनका आप पर पड़ेगा असर

हर महीने की शुरुआत में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जिसका असर आम आदमी के जीवन पर किसी न किसी तरह से पड़ता है. जुलाई का महीना लगभग खत्म हो गया है और अगस्त में भी ऐसे ही कुछ बदलाव होने वाले हैं जो आपको प्रभावित कर सकते हैं. कल जुलाई का आखिरी का दिन है और लोगों को बदलावों के लिए तैयार रहना चाहिए.
अगले महीने वाले होने बदलावों में एलपीजी गैस की कीमतें, बैंकिंग सिस्टम, आयकर रिटर्न व पीएम किसान आदि शामिल हैं. हम इनके बारें में आपको विस्तार से बताएंगे. आपका इन बदलावों के बारे में जानना इसलिए आवश्यक है ताकि आप उनके अनुसार अपनी योजना में बदलाव कर सकें.
पीएम किसान की केवाईसी
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की केवाईसी के लिए भी आपको 31 जुलाई का वक्त दिया गया है. यानी अगले महीने की पहली तारीख से किसान केवाईसी नहीं कर सकेंगे. किसान अभी अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर ई-केवाईसी करवा सकते हैं. इसके अलावा ई-केवाईसी घर बैठे ऑनलाइन पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट से भी हो सकती है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ई-केवाईसी की आखिरी तारीख को 31 जुलाई तक आगे बढ़ाया था. इससे पहले ई-केवाईसी की लास्ट डेट 31 मई थी.
एलपीजी की कीमतों में बदलाव
गैस कंपनियां हर महीने नए रेट लिस्ट जारी करती हैं. ऐसे में 1 अगस्त से गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव होने का अनुमान है. कंपनियां इस बार घरेलू और कमर्शियल दोनों तरह के गैस सिलेंडर की कीमतें बदल सकती हैं. पिछली बार कॉमर्शियल गैस सिलेंडर सस्ता हुआ था जबकि घरेलू गैस सिलेंडर में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने बदला चेक से पेमेंट का नियम
बैंक ऑफ बड़ौदा के खाताधारकों के लिए यह जरूरी बदलाव होगा. बैंक 1 अगस्त से चेक द्वारा भुगतान करने के नियम बदल रहा है. ऐसा आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत किया जा रहा है. गाइडलाइन के अनुसार 5 लाख रुपये या इससे अधिक के अमाउंट वाले चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू कर दिया गया है. इसके तहत बैंक को चेक से जुड़ी जानकारी एसएमएस, नेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप से देनी होती है.
आईटीआर पर फाइन
आईटीआर भरने के लिए लोगों के पास अब केवल 2 दिन (आज और कल) का समय है. इसके बाद 1 तारीख से आईटीआर भरने पर लेट फीस लग सकती है. अगर आयकरदाता की कर योग्य आय 5 लाख रुपए या इससे कम है तो उसे 1 हजार रुपए लेट फीस के तौर पर चुकाने होंगे. अगर करदाता की कर योग्य आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है तो उसे 5 हजार रुपए लेट फीस देनी होगी.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का रजिस्ट्रेशन
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का फायदा लेने के लिए आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसकी रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. उसके बाद रजिस्ट्रेशन नहीं होगा और आप इस योजना से वंचित रह सकते हैं. बता दें कि यह रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है.
Source : News18
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राम और रामायण से जुड़े स्थलों को देखें फिर से एक बार, 24 से शुरू हो रही है रामायण सर्किट रेल यात्रा

अगर आप भगवान राम से जुड़े सभी स्थलों के दर्शन करना चाहते हैं तो आपके पास मौका है। लोगों की भारी मांग पर रेलवे एक बार फिर से रामायण सर्किट रेल यात्रा की शुरूआत करने जा रही है। ये रेल यात्रा 24 अगस्त से शुरू होगी। रामायण सर्किट रेल यात्रा का सफर 19 रात और 20 दिनों का है। ये ट्रेन आपको भगवान राम से जुड़े सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन कराएगी। इस दौरान आपको अयोध्या, प्रयागराज, सीतामढ़ी, जनकपुर, बक्सर, प्रयागराज, बक्सर, नासिक, हंपी, रामेश्वरम, भद्रचलम और कांचीपुरम के दर्शन कराएगी।
रामायण सर्किट ट्रेन में थर्ड एसी कोच हैं और इसमें यात्रियों के खाने-पीने की व्यवस्था है। इस यात्रा के दौरान यात्रियों को शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलेगा। अगर आप इस यात्रा में शामिल होना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 84 हजार रुपये देने होंगे। वहीं अगर आप दो से तीन लोगों के ग्रुप में हैं तो आपको प्रति व्यक्ति 73,500 रुपये का खर्च आएगा। वहीं बच्चे के लिए इस पैकेज का मूल्य 67,200 रुपये है।
इन सबके अलावा आईआरसीटीसी बुकिंग करवाने वाले पहले 100 यात्रियों को दस फीसदी डिस्काउंट भी दे रही है। अगर आपके पास एक मुश्त इतनी राशि नहीं है तो आप किश्तों में भी टिकट बुक करा सकते हैं जिसकी अदायगी आपको 36 महीनों में करनी होगी। 36 महीने तक आपको हर महीने 2690 रुपये की किश्त का भुगतान करना होगा। रामायण सर्किट ट्रेन को दिल्ली सफदरजंग, गाजियाबाद, अलीगढ़, टुंडला, कानपुर और लखनऊ से पकड़ा जा सकता है। इस यात्रा की बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से की जा सकती है। ऑफलाइन बुकिंग के लिए आपको लखनऊ के गोमती नगर स्थित आईआरसीटीसी कार्यालय आना होगा वहीं ऑनलाइन आप कहीं से भी बुकिंग करा सकते हैं।
Source : Hindustan
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इस्लामिक अध्ययन के 2 छात्रों ने जीता रामायण क्विज, धाराप्रवाह पढ़ते हैं संस्कृत श्लोक

एक तरफ देश में सांप्रदायिक सद्भाव के प्रति हालिया दिनों में कुछ ठहराव देखने को मिल रहा है तो दूसरी तरफ ऐसी मिसालें भी हैं जो सदियों पुरानी हमारी परंपरा को जीवंत करती है. जी हां, ऐसी ही एक मिसाल केरल में देखने को मिली. केरल में दो मुस्लिम युवा, जो हैं तो इस्लामिक स्ट्डीज के छात्र लेकिन इन्होंने रामायण प्रतियोगिता में भाग लेकर शानदार जीत हासिल की है. अब हर तरफ इन दोनों मुस्लिम युवा की चर्चा हो रही है. मलप्पुरम के दो मुस्लिम छात्रों मोहम्मद जाबिर पीके और मोहम्मद बसीथ एम ने इस रामायण प्रतियोगिता में जीत हासिल की है. दोनों छात्रों ने रामायण पर ऑनलाइन क्विज जीता है. इस प्रतियोगिता में एक हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया था.
रामायण का अयोध्याकांड पसंदीदा श्लोक
दोनों छात्र केकेएचएम इस्लामिक एंड आर्ट्स कॉलेज वालेंचेरी में इस्लामिक स्ट्डीज की पढ़ाई करते हैं. दोनों युवा का रामायण में से पसंदीदा श्लोक अयोध्याकांड है जिसमें लक्ष्मण के क्रोध और प्रभु श्रीराम की ओर से अपने भाई को दी जा रही सांत्वना का जिक्र है. इसमें भगवान राम राज्य और शक्ति की निरर्थकता के बारे में बता रहे हैं. ये दोनों युवा थुंचथु रामानुजन एज़ुथाचन द्वारा लिखित महाकाव्य के मलयालम संस्करण ‘अध्यात्म रामायणम’ के छंदों को धाराप्रवाह और मधुर आवाज में प्रस्तुत करते हैं बल्कि इसका अर्थ भी विस्तार से बताते हैं. मोहम्मद जाबिर पीके और मोहम्मद बसीथ एम ने इस महाकाव्य का गहराई से अध्ययन किया है. यही कारण है कि दोनों ने इस प्रतियोगिता पर अपना कब्जा किया है. दोनों कॉलेज के दोस्त हैं.
हर धर्म के बारे में जानकारी
यह प्रतियोगिता डीसी बुक्स पब्लिशिंग हाउस द्वारा आयोजित की गई थी. बसीथ और जाबिर पांचवें और अंतिम ससाल के स्टूडेंट है. केकेएसएम इस्लामिक एंड आर्ट्स कॉलेज में यह 8 साल का कोर्स होता है. स्थानीय मीडिया में बसीथ और जाबिर की खूब चर्चा हो रही है और लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं. छात्रों ने बताया कि बचपन से ही वे महाकाव्य के बारे में जानते थे लेकिन वाफे कोर्स के दौरान उन्होंने इस महाकाव्य और हिन्दू धर्म के बारे में गहराई से अध्ययन किया. वाफे के सिलेबस में हर धर्म के बारे में पढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि उनके पुस्तकालय में हर धर्म की किताबें प्रचुरता से उपलब्ध है.
आज सबसे ज्यादा इसे पढ़ने की जरूर
जाबिर ने बताया, देश के सभी नागरिकों को रामायण और महाभारत महाकाव्य जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि हमारी समृद्ध संस्कृति, विरासत और इतिहास का हिस्सा है. मेरा मानना है कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे सीखें और इसके प्रति अपनी समझ बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि राम को अपने पिता से किए वादे को पूरा करने के लिए अपने राज्य का त्याग करना पड़ा. सत्ता के अंतहीन संघर्षों के दौर में रहते हुए हमें राम जैसे पात्रों और रामायण जैसे महाकाव्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए. इससे आगे बसीथ ने कहा, इस महाकाव्य को पढ़ने से अन्य धर्मों और इस समुदाय के लोगों को समझने में मदद करता है. उन्होंने कहा, कोई भी धर्म नफरत को बढ़ावा नहीं देता बल्कि केवल शांति और सद्भाव का प्रचार करता है. बसीथ ने कहा, प्रतियोगिता जीतने से उन्हें महाकाव्य को और गहराई से सीखने की प्रेरणा मिलती है.
Source : News18
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जगदीप धनखड़ होंगे नए उपराष्ट्रपति, विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा को हराया

देश के नए उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए शनिवार को हुए मतदान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ विजयी घोषित हुए हैं. उनका मुकाबला विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा से था. धनखड़ को जहां 528 वोट मिले, वहीं अल्वा को सिर्फ 182 वोट से संतोष करना पड़ा, जबकि 15 वोट अमान्य करार दिये गए. लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘सुबह 10 बजे से शुरू हुआ चुनाव शाम 5 बजे तक चला. इस दौरान 780 में से 725 सांसदों ने अपने मत का इस्तेमाल किया.’
जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता थी. संसद में वर्तमान सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं. आंकड़ों के लिहाज से पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनखड़ की जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी. अब थोड़ी ही देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा धनखड़ से मिलने जाएंगे.
धनखड़ 71 वर्ष के हैं और वह राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उनकी पृष्ठभूमि समाजवादी रही है. जनता दल (यूनाईटेड), वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, अन्नाद्रमुक और शिवसेना ने धनखड़ का समर्थन किया था.
चुनाव में शिकस्त झेलने वालीं अस्सी वर्षीय अल्वा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और वह राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भी काम कर चुकी हैं. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), आम आदमी पार्टी (आप) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अल्वा के समर्थन की घोषणा की थी. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी अल्वा का समर्थन किया था. लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं. इसमें मनोनीत सदस्य भी मतदान करने के पात्र होते हैं.
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