मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बाहर रहने वाले बिहार के लोगों की भी पूरी जानकारी लेकर उनकी गणना की जाएगी। गणना को लोकर एक-एक चीज की तैयारी की जा रही है। सब तरह की जानकारी हो जाएगी तो अच्छा होगा, उसका फायदा होगा। किसी की उपेक्षा नहीं होगी। सबका ध्यान रखा जाएगा।

सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद वे पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर जाति आधारित गणना हो जाएगी तो चाहे किसी धर्म, जाति, मजहब के हों, अपर कास्ट, बैकवर्ड, दलित, आदिवासी हों, सबके बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। कोई भी किसी समुदाय के हों, उनकी आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलेगी और उसको बेहतर करने के लिए काम किया जायेगा। एक महीने की तैयारी के बाद जाति आधारित गणना का काम शुरू हो जायेगा।

चार-पांच साल में प्रजनन दर 2 हो जाएगी : जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ नियम और कानून बना देने से कुछ नहीं होता है। काम ऐसा हो कि सभी लोग उसे स्वभावत: करने लगें। चीन का ही पता कर लीजिए। हम चीन गए थे तो वहां भी इसके संबंध में अनुभव मिला था। सबको जागरूक कीजिए। तभी फायदा होगा। लड़की जब पढ़ लेगी तो सब ठीक होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012-13 में अध्ययन कराया गया तो बात सामने आई कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है, तब प्रजनन दर देश और अपने यहां की भी दो थी। इंटर पास पत्नी के मामले में देश की प्रजनन दर से भी थोड़ी कम हमलोगों के यहां थी। उसी समय लड़कियों को और शिक्षित करने का काम शुरू कराया। उसी का नतीजा है कि लड़कियां पढ़ने लगी हैं और अब प्रजनन दर राज्य में घटकर 4.3 से 3 पर पहुंच गयी है। चार-पांच वर्षों में प्रजनन दर दो पर पहुंच जाएगी। भूदान आंदोलन के समय दान में दी गई जमीन का आंकड़ा उपलब्ध नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर एक कमेटी बनाई गई है, जिसपर काम किया जा रहा है।

Source : Hindustan

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