BIHAR
नीतीश राज का हाल पूछने वाले जान लें- विदेशियों को गोवा से ज्यादा भाता है अपना बिहार

पटना. बिहार में पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है. देश के कई राज्यों की तरह बिहार भी पर्यटकों का हब बनता जा रहा है. देसी-विदेशी पर्यटकों की संख्या बिहार में कई राज्यों से ज्यादा है. विदेशी पर्यटकों की बात करें तो गोवा से भी अधिक विदेशी पर्यटक बिहार आने लगे हैं. बता दें कि 2020 में गोवा में कुल विदेशी पर्यटक 3 लाख 2 हजार 751 आए थे, जबकि बिहार में विदेशी पर्यटकों का आंकड़ा 3 लाख 80 हजार 80 था.
कहा जा सकता है कि देश के पिछड़े राज्यों में शुमार होने के बावजदू पर्यटकों को बिहार काफी पसंद आ रहा है. कोरोना काल को छोड़ दें तो उससे पहले के कुछ वर्षों में बिहार में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ी हुई दिखती है. बिहार में शराबबंदी कानून का असर पर्यटकों पर नहीं पड़ा था. शराब नहीं मिलने के बावजूद पर्यटकों को बिहार खूब भाता रहा है. देश भर में मौज मस्ती के लिए सबसे अधिक लोग गोवा जाते थे. लेकिन कोरोना काल में हालात ऐसे रहे कि लोगों को गोवा से अधिक पसंद बिहार आया. विदेशी पर्यटकों की संख्या पिछले वर्ष गोवा से अधिक बिहार में रही.
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी पर्यटकों को पसंद आने वाले राज्यों में बिहार देश के 10 राज्यों में शामिल है. सबसे अधिक विदेशी पर्यटक महाराष्ट्र में आ रहे हैं. भारत में आए कुल विदेशी पर्यटकों में महाराष्ट्र आने वालों की संख्या 17.6 फीसदी है. महाराष्ट्र के बाद नंबर तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश का आता है. तमिलनाडु में 17.1% तो उत्तर प्रदेश में 12.4% विदेशी पर्यटक आ रहे हैं. देश के 10 राज्यों में बिहार का नंबर 9वां है, जबकि गोवा 10वें नंबर पर है. बिहार में विदेशी पर्यटकों के आने का प्रतिशत 4.3 है, जबकि गोवा का 4.2 है. बिहार में बढ़ते विदेशी पर्यटकों की संख्या से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी काफी प्रभावित हैं और कहते हैं कि बिहार में कुल पर्यटकों की संख्या सालाना 2 करोड़ से भी अधिक हो गई है.
बिहार में शराबबंदी कानून सख्ती से लागू होने के बावजूद विदेशों पर्यटकों के आने की संख्या में बढ़ी है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बिहार में हुए बुद्ध सर्किट का निर्माण है. बोधगया, राजगीर और वैशाली में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं. इसके अलावा बिहार में वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व, गया, पटना, पटना साहिब गुरुद्वारा, बांका में मंदार पर्वत और रोहतास समेत कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं.
2020 में विदेशी पर्यटकों के 10 राज्यों की सूची
महाराष्ट्र – 1262409
तमिलनाडु – 1228323
यूपी – 890932
दिल्ली – 681230
पश्चिम बंगाल – 463285
राजस्थान – 446457
पंजाब – 3591114
केरल – 340755
बिहार – 308080
गोवा – 302751
अन्य राज्यों में – 888433
भारत में आए कुल विदेशी पर्यटक – 7171769
विदेशी पर्यटक जो बिहार आए
वर्ष – विदेशी पर्यटक
2017 – 10827059
2018 – 1087971
2019 – 1093141
2020 – 308080
Source : News18
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बिहार की लड़की की मदद के लिए आगे आए सोनू सूद, कहा- ‘सामान बांधिए प्रियांशु, नई शुरुआत करते हैं

अभिनेता सोनू सूद ने एक बार फिर से अपनी दरियादिली दिखाई है. इस बार सोनू सूद सीवान के जीरादेई प्रखंड के बनथू श्री राम गांव की रहने वाली प्रियांशु के मदद के लिए आगे आए हैं. प्रियांशु की खबर मीडिया में चलने के बाद सोनू सूद ने ट्विटर के माध्यम से इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा की “चलिए अब दोनो पैरों से नई शुरुआत करें. सामान बंधिए प्रियांशु” हालांकि प्रियांशु के परिजनों को इस ट्वीट की खबर नहीं थी.
एक किलोमीटर चलकर जाती है स्कूल
दरअसल प्रियांशु दिव्यांग है जिस कारण से उसे स्कूल जानें में परेशानी होती है. प्रियांशु हर दिन एक किलोमीटर पैदल चलकर पढ़ाई करने के लिए स्कूल जाती है. प्रियांशु ने मीडिया में उसकी खबर आने के बाद बताया था की स्कूल जाने के लिए अच्छी सड़क नहीं है. अगर उसे कृत्रिम अंग मिल जाए तो वह चल कर स्कूल जा सकती है. मीडिया में यह खबर आने के बाद जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाते हुए बिहार राज्य शिक्षा परियोजना के तहत बैसाखी और ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराया.
कम उम्र में हो गई थी हादसे का शिकार
प्रियांशु बहुत ही कम उम्र में एक हादसे का शिकार हो गई थी. उस हादसे में प्रियांशु ने अपना बायां पैर गंवा दिया था. लेकिन उसने अपना हौसला नहीं खोया और प्रतिदिन एक पैर से चलकर दो किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए स्कूल जाती है. वह बनथू श्री राम गांव के ही एक स्कूल में कक्षा पांचवी में पढ़ती है. प्रियांशु के शिक्षक भी दिव्यांग हैं और उन्होंने अपनी देखरेख में ही प्रियांशु का नि: शुल्क नामांकन करवाया है.
परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं
प्रियांशु के परिवार के पास जब मदद की खबर पहुंची तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्हें उम्मीद जगी है कि अब आने वाले समय में 11 साल की प्रियांशु अपने दोनों पैरो से चल सकेगी. प्रियांशु के एक पैर से स्कूल जाने का वीडियो सामने आने के बाद कई लोगों ने सोनू सूद से मदद करने के लिए कहा था. और सोनू सूद मदद करने के लिए आगे भी आयें.
Source : Prabhat Khabar
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चुपके से आई यूपी की पुलिस टीम, बिहार से ले गई तीन युवकों को

यूपी के लखनऊ में एक हत्याकांड में संलिप्तता पाए जाने के बाद एसआइटी (यूपी) की टीम ने बड़हरिया थाना क्षेत्र के अटखंबा गांव में शनिवार की सुबह तीन युवकों को गुपचुप तरीके से दबोच लिया और उन्हें अपने साथ लेकर यूपी चली गई। एसआइटी टीम में एक जवान पुलिस के वेश में था जबकि शेष सादे लिबास में थे। तीनों युवकों को हिरासत में लेकर जाने के बाद गांव में हड़कंप मच गया। गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म था। वहीं स्वजन इस मामले में पुलिस कुछ भी नहीं बताए जाने को लेकर चिंतित हो गए।
यूपी की एसआइटी टीम आई थी बिहार
मामले में एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यूपी की एसआइटी टीम ने संपर्क किया था तीनों युवकों को पूछताछ के लिए टीम अपने साथ हिरासत में लेकर गई है। इधर घटना की सूचना जैसे ही बड़हरिया थानाध्यक्ष को हुई वह मौके पर पहुंचा कर जांच में जुट गए। गांव में लगे सीसी कैमरा की मदद से उन्होंने सभी की पहचान की। थानाध्यक्ष ने बताया कि बड़हरिया थाना क्षेत्र के अटखंमबा गांव के तीन लड़कों को सिविल ड्रेस में आई यूपी पुलिस अपने साथ लेकर चली गई। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि पांच लोग सिविल ड्रेस में और एक पुलिस की वर्दी में थे। प्रारंभिक जानकारी मिली है कि लखनऊ में कुछ माह पहले किसी की हत्या हुई थी और उसी संदर्भ में तीनों की संलिप्तता पाई गई है। इसमे दो सगे भाई भी शामिल हैं। यूपी पुलिस ने जिन तीन युवकों को उठाया है उसमें मंजर इकबाल, काशिफ हसन व सरफराज अहमद शामिल है।
यूपी एसआइटी टीम ने पहले मंजर को पकड़ा
थानाध्यक्ष ने बताया कि फुटेज देखने से यह प्रतीत हो रहा था कि सभी यूपी की एसआइटी टीम के सदस्य थे। टीम ने पहले मंजर को पकड़ा इसके बाद सौ मीटर की दूरी पर मौजूद दोनों भाई काशिफ एवं सरफराज को पकड़ा लिया। दोनों भाई अलीगढ़ में हाफिज की पढ़ाई करते थे। लाकडाउन के समय से सिवान में थे। वहीं मंजर नोएडा में बीटेक करता है। चार दिन पूर्व सिवान आया था। बताया कि दोनों भाई पर अलीगढ़ में केस भी है। कहते हैं अधिकारी मामले में पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार सिन्हा बताया कि लखनऊ पुलिस आई थी। उन तीनों को लखनऊ के किसी मर्डर केस के सिलसिले में संलिप्तता पाए जाने पर अपने साथ लेकर गई है।
Source : Dainik Jagran
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बिहार : मां ने दी बेटी को मुखाग्नि, ससुराल में संदिग्ध मौत के बाद खुद ही किया अंतिम संस्कार

गया में पहली बार एक मां ने अपनी शादीशुदा बेटी को मुखाग्नि दी। मोक्ष नगरी गयाजी के विष्णुपद स्थित श्मशान घाट पर दिल्ली में रहने वाली सावित्री देवी ने शुक्रवार की देर शाम अपनी बेटी सपना को मुखाग्नि दी। बेटी की ससुराल वालों ने हत्या कर दी थी। उसकी 3 साल की बेटी रस्म पूरा नहीं कर सकती थी तो मां ने जिम्मेदारी ली।
सपना के पिता की मृत्यु 8 साल पहले हो चुकी है। उसकी मां ने उसकी शादी करवाई थी।
6 साल पहले की थी बेटी की शादी
विष्णुपद थाना क्षेत्र के चांदचौरा मोहल्ले के रहने वाले हेमंत चौधरी उर्फ डब्बू चौधरी की शादी 6 साल पहले सपना चौधरी से हुई थी। सपना की मौत गुरुवार को हो गई थी। पुलिस ने उसके शव को हेमंत के घर से बरामद किया था।
सपना के गले में गहरे नीले निशान थे और बदन पर भी कई जगह चोट के निशान भी थे। बताया जा रहा है कि पति-पत्नी के बीच एक-दूसरे की केयर ना करने और मायके वालों के हस्ताक्षेप को लेकर बीते दो वर्ष से अनबन चल रही थी। सपना की मौत के समय उसकी 3 साल की बच्ची दूसरे कमरे में सो रही थी। सपना के मारे जाने की भनक उसकी मां जो दिल्ली में रहते ही उसे लग गई।
मां के बयान पर पति हुआ गिरफ्तार
सावित्री देवी ने अपनी बेटी की हत्या का आरोप उसके ससुराल वालों पर लगाया है। जिस पर कार्रवाई करते पुलिस ने दामाद हेमंत को गिरफ्तार कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। इस बीच दिल्ली से मृतका की मां सावित्री देवी भी गया पहुंच गईं। शव के पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शुक्रवार को शव परिजनों को सौंपना चाहा तो मायके और ससुराल पक्ष के बीच शव को लेने और दाह संस्कार के लिए बहस शुरू हो गई।
बिना सिले हुए कपड़ों में बेटी को दी मुखाग्नि
अंत में मोहल्ले वालों के हस्तक्षेप के बाद शव, मृतका की मां को सौंप दिया गया। विधिवत तरीके से शव को श्मशान घाट लाया गया। जब मुखाग्नि देने की बात आई तो सावित्री ने आगे बढ़ कर कहा कि मुखाग्नि तो मैं ही दूंगी। यह सुनते ही वहां मौजूद ब्राह्मण व अन्य लोग एक क्षण के लिए चुप्पी साध गए, लेकिन दूसरे पल ही सावित्री को कहा गया कि आपके और भी बच्चे हैं।
उनसे मुखाग्नि दिलवा दीजिए, लेकिन सावित्री देवी नहीं मानीं। इसके बाद उन्हें बिना सिले हुए वस्त्र पहनाए गए और फिर विधिवत तरीके से अपनी बेटी को सावित्री देवी ने मुखाग्नि दी।
Source : Dainik Bhaskar
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