बिहार की सभी 8078 पंचायतों में बुधवार को एक साथ सरकारी योजनाओं की औचक जांच होगी। इसको लेकर जिला स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। जांच टीम में शामिल अधिकारियों को चिह्नित पंचायतों की सूचना मंगलवार देर शाम दी गई। मुख्य सचिव, बिहार आमिर सुबहानी द्वारा गत 7 अप्रैल को जारी दिशा-निर्देश के आलोक में पूरे राज्य में सरकारी योजनाओं की औचक जांच की जाएगी। जिन पंचायतों को चिह्नित नहीं किया गया है, उन पंचायतों में जांच की कार्रवाई डीएम के निर्देश पर होगी। जांच करने वाले अधिकारियों में वरीय उप समाहर्ता से लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी तक को शामिल किया गया है। राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पंचायतों की औचक जांच कराए जाने को लेकर सभी जिलों के डीएम को सूचित किया जा चुका है।
विभिन्न योजनाओं की 13 मानकों पर होगी जांच : जानकारी के अनुसार पंचायतों में औचक जांच की कार्रवाई विभिन्न योजनाओं के क्रम में 13 अलग-अलग बिंदुओं पर की जाएगी। इनमें हर घर नल का जल योजना, घर तक पक्की नाली गली, पंचायतों में स्थित प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च विद्यालय, एससी-एसटी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक छात्रावास, पंचायतों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति, आंगनबाड़ी केंद्र, सभी प्रकार के वृद्धावस्था पेंशन का वितरण, जन वितरण प्रणाली, ग्रामीण सड़कों की स्थिति, भंडारण केंद्रों की स्थिति, मनरेगा योजनाएं, पंचायत सरकार भवन एवं भूमि-राजस्व से जुड़े मामलों की स्थिति की जांच शामिल हैं।
जांच के बाद शाम को ऑनलाइन देनी होगी रिपोर्ट : जानकारी के अनुसार जांच के तत्काल बाद सभी अधिकारियों को शाम में ऑनलाइन जांच रिपोर्ट देनी होगी। जांच रिपोर्ट देने के लिए पहले ही अधिकारियों को ऑनलाइन फार्मेट उपलब्ध करा दिया गया है। ऑनलाइन जानकारी मिलने के बाद उसकी समीक्षा की जाएगी।
13 मानकों पर जांच करेंगे अफसर
दाखिल खारिज
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूमि एवं राजस्व संबंधी जांच के क्रम में अधिकारी दाखिल खारिज को लेकर प्राप्त शिकायतों, जमाबंदी, जमाबंदी रसीद, सेटलमेंट, सेटेलमेंट रिकॉर्ड व अन्य मामलों की डाटा इंट्री की भी जांच करेंगे।
नल से जल
औचक निरीक्षण के दौरान नल का जल योजना की स्थिति और मेनटेनेंस की स्थिति, पानी की घरों तक की जा रही आपूर्ति, अत्यधिक जल के संग्रहण को लेकर तैयार किए गए गड्ढे या पानी के लीकेज की भी जांच की जाएगी। घर तक पक्की नाली गली की स्थिति अधिकारी देखेंगे।
स्वास्थ्य सुविधा
अधिकारी पंचायतों में स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच करेंगे। अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति, पारा मेडिकल कर्मियों, आशा कार्यकर्ता, दवा, उपकरणों, बेड, शौचालय, भवन की स्थिति, बिजली और पानी के कनेक्शन की जांच करेंगे। स्थानीय ग्रामीणों से मिलकर उनसे फीडबैक भी लेंगे।
स्कूलों की कक्षा में बैठकर पढ़ाई देखेंगे अधिकारी
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अधिकारी स्कूलों की कक्षा में 20 मिनट तक बैठकर देखेंगे कि पढ़ाई की गुणवत्ता का स्तर कैसा है। वे छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति, स्कूल भवन, बालक व बालिकाओं के शौचालय की स्थिति, पेयजल, बिजली, स्कूल ड्रेस, स्कूल की किताबें, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना, साइकिल, पुस्तकालय, कंप्यूटर रूम, मिड डे मील की भी जांच करेंगे।
Source : Hindustan