MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड पर अब 150 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड पर ट्रेनों की रफ्तार 120 किमी प्रतिघंटे से बढ़ाकर 150 की जाएगी। इसके लिए दोनों रेलखंड पर ट्रैक का नवीनीकरण किया जाएगा। इसपर रेलवे 22 करोड़ 35 लाख रुपये खर्च करेगा।
51 किमी मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड के ट्रैक नवीनीकरण कार्य पर 21 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, 101 किमी मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड के ट्रैक नवीनीकरण पर एक करोड़ 35 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रेलवे ने राशि आवंटित की है। मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रैक नवीनीकरण होने से पश्चिम बंगाल, झारखंड व असम समेत पूर्वोत्तर भारत व उत्तर भारत के बीच चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सकेगी। डबल लाइन होने के कारण इस रेलखंड पर लगातार यात्री ट्रेनों के अलावा मालगाड़ी की संख्या बढ़ी है। इस रेलखंड से राजधानी व हमसफर एक्सप्रेस समेत कई प्रमुख ट्रेनें उत्तर व पूर्वोत्तर भारत के बीच फेरे लगाती हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड सिंगल लाइन है। मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेलखंड के विकल्प के तौर पर मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड का इस्तेमाल किया जाता है।
89.76 प्रतिशत क्षमता का हो रहा इस्तेमाल : मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड उत्तर बिहार का व्यस्तम रेलखंड माना जाता है। इस रेलखंड पर कुल क्षमता का 89.76 प्रतिशत इस्तेमाल किया जा रहा है। इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि व्यस्त रूट होने के कारण इस रेलखंड पर ट्रैक नवीनीकरण की मांग लंबे समय से की जा रही है। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। ट्रेनें तय समय पर चलने से यात्रियों को फायदा मिलेगा।
Source : Hindustan
BIHAR
पूर्व मध्य रेल के 12 स्टेशन बनेंगे विश्वस्तरीय, गया के विकास के लिए टेंडर जारी

स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने हेतु पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशनों का विकास होगा। पूर्व मध्य रेल के दानापुर मंडल के राजेन्द्रनगर एवं बक्सर, सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर, बेगुसराय एवं बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतीहारीय पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया एवं पं.दीन दयाल उपाध्याय जं तथा धनबाद मंडल के धनबाद एवं सिंगरौली स्टेशन को विकसित किया जाएगा। इन स्टेशनों के पुनर्विकास हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। गया के विकास के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है।
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि धार्मिक एवं पर्यटन दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण गया स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए अंतिम रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद निविदा जारी कर दिया गया है। गया स्टेशन का पुनर्विकास कार्य लगभग 300 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से पूरा किया जाएगा तथा इसे वर्ष 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। गया स्टेशन पर यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त होंगी। उन्होंने कहा कि पुनर्विकास के बाद गया स्टेशन उन्नत यात्री सुविधाओं के साथ तकनीक, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक मेल बनेगा। पुनर्विकास के उपरांत गया स्टेशन पर यात्रियों को सेवा प्रदान करने की क्षमता तीन गुणा बढ़ जायेगी। इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन का लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।
स्टेशनों पर इस तरह की होंगी सुविधाएं-
योजना के तहत स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए स्टेशनों को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा, जहां वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी। स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो। यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे । इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे। विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में पुनर्विकास के उपरांत गया स्टेशन पर रेल यात्रियों के स्टेशन पर आगमन एवं प्रस्थान के लिए अलग-अलग व्यवस्था के तहत आगमन भवन एवं प्रस्थान भवन का निर्माण एवं तीर्थयात्रियों के लिए अलग भवन का निर्माण किया जायेगा। स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार अलग अलग होंगे। वर्तमान की तुलना में मुख्य स्टेशन भवन के लिए 2.35 गुणा अधिक जगह तथा पार्किंग एरिया के लिए 4.9 गुणा अधिक जगह उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही प्रतीक्षालय के लिए अतिरिक्त 6400 वर्गमीटर कॉनकोर्स एरिया, स्टेशन पर कुल 23 लिफ्ट एवं 11 एस्केलेटर की सुविधा, मौजूदा 3100 वर्गमीटर प्लेटफार्म क्षेत्र और एफओबी का उन्नयन, अतिरिक्त टिकटिंग सुविधा, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं, ग्रीन ऊर्जा हेतु स्टेशन भवन पर सौर पैनल का प्रावधान, रेन वाटर हार्बेस्टिंग का प्रावधान, वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अग्निशमन आदि की व्यवस्था होगी।
Source : Hindustan
BIHAR
देश के 100 स्मार्ट शहरों की रैंकिंग में पटना फिर से फिसड्डी ; पटना से आगे निकला मुजफ्फरपुर

पटना. स्मार्ट शहर को लेकर पटना नगर निगम और नगर विकास विभाग ने बड़ी घोषणाएं करते हुए कई कार्यक्रम चलाए और बेहतर रैंकिंग होने का दावा किया पर फिलहाल रियल टाइम रैंकिंग में पटना फिर फिसड्डी साबित हुआ है और पिछले साल के रैंकिंग से भी 28 पायदान नीचे गिर गया है. देश भर के सभी स्मार्ट सिटी को लेकर स्मार्ट सिटी मिशन ने रियल टाइम रैंकिंग जारी की है. इस बार रैंकिंग नए मापदंडों के आधार पर की गई है. पिछली बार इस रैंकिंग में पटना जहां 54वें स्थान पर था वहीं अब 82वें स्थान पर पहुंच गया है.
चौंकाने वाली बात यह है कि पटना बिहार के घोषित चारों स्मार्ट शहर मुजफ़्फ़रपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ से भी नीचे चला गया है. भागलपुर जहां 76वें, मुजफ़्फ़रपुर 78वें और बिहारशरीफ 81वें स्थान पर है तो वहीं पटना 82वें. स्मार्ट शहरों की इस सूची में इंदौर सबसे टॉप पर कायम है जिसे 200 अंक प्राप्त हुए हैं. उदयपुर, सूरत, आगरा और अहमदाबाद क्रमशः दूसरे तीसरे, चौथे और पांचवे नम्बर पर हैं. 250 में सिर्फ 16.83 अंक पटना को मिले हैं. स्मार्ट शहर की घोषित इस सूची में पटना के फिसड्डी होने का सबसे प्रमुख कारण कई बिंदुओं माइनस मार्किंग होना है. फिजिकल और फाइनेंशियल प्रोग्रेस के लिए 50 अंक निर्धारित थे जिसमें पटना को माइनस 10 अंक मिले हैं.
खर्च किये गए फंड को लेकर भी पटना को माइनस 10 अंक मिले हैं. स्मार्ट शहर के अन्य बिंदुओं के पैरामीटर को पूरा नहीं करने पर पटना को शून्य अंक मिला है. पटना में स्मार्ट शहर को लेकर कई परियोजनाओ की घोषणा की गई हैं पर कुछ को छोड़कर सभी परियोजनाए अधर में लटकी हुई हैं. स्मार्ट सिटी के परियोजनाओं के समय से पूरा नही करने के कारण पटना फिसड्डी साबित हो रहा है जबकि दूसरे राज्यो के शहर स्मार्ट परियोजनाओं को लेकर आगे हैं. पटना में चल रहे स्मार्ट सिटी के परियोजनाओं पर गौर करें तो फिलहाल 50 फीसदी काम भी पूरा नहीं हुआ है, वहीं कुछ योजनाएं सालों से पड़ी हुई हैं.
Source : News18
MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर: शादी की सालगिरह पर पत्नी को दिया मौत का तोहफा, कार नहीं मिलने पर गर्भवती की हत्या

मुजफ्फरपुर जिले के सरैया थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में एक गर्भवती की पीट-पीटकर हत्या कर देने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में मंगलवार को देवरिया थाना क्षेत्र के धरफरी निवासी सुरेंद्र राय उर्फ गुल्ली राय ने सरैया थाना में एफआईआर दर्ज करायी है। घटना बीते 24 जून की बतायी जा रही है।
मृतका के पिता ने बताया कि कोमल कुमारी की शादी 24 जून 2021 को नारायणपुर गांव निवासी फूलदेव राय के पुत्र राजेश कुमार के साथ हुई थी। शादी के दो माह बाद से कोमल को दहेज में कार मायके से दिलाने के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था। बीते 20 मई को उसके पुत्र की शादी में दामाद राजेश कुमार पुत्री कोमल के साथ उसके घर आये थे। वहां भी दामाद ने कार की डिमांड की थी। स्थिति ठीक होने पर गाड़ी देने की बात कही थी। लेकिन वह नहीं माना और हंगामा कर कोमल को साथ लेकर अपने घर लौट गया था।
शादी की सालगिरह 24 जून की देर रात कोमल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। शव को पंखे में टांग दिया गया था। सभी घर वाले घर छोड़कर फरार थे। मामले में दामाद राजेश, उसके छोटे भाई विकास, सास मीना देवी, मामा राजन राय व मिथिलेश राय आदि को नामजद किया गया है। प्रभारी थानाध्यक्ष आरसी चौधरी ने कहा कि केस दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
Source: Live Hindustan
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