प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका दौरे के तीसरे दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला. दुनियाभर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए कुख्यात पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान का बिना नाम लिए पीएम मोदी ने खूब खरी-खोटी सुनाई. पीएम मोदी ने कहा कि जो भी आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें भी समझना होगा कि यह उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”रिग्रेसिव थिंकिंग के साथ जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है.” साथ ही अफगानिस्तान मुद्दे पर भी पीएम मोदी ने अपनी बात रखी और कहा कि उसकी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न हो.

‘हमले के लिए न हो अफगानिस्तान का इस्तेमाल’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न किया जाए. हमें इसके लिए भी सतर्क रहने की जरूरत है कि वहां की नाजुक स्थितियों का कोई भी देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे.” पीएम मोदी ने कहा कि इस समय अफगानिस्तान की जनता, महिलाओं, माइनॉरिटीज आदि को मदद की आवश्यकता है और हमें अपना दायित्व निभाना होगा.

कोरोना, कोविड टीके पर भी की बात

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना वायरस, उसके टीके समेत विभिन्न मुद्दों पर बात की. उन्होंने यूएनजीए को संबोधित करते हुए कहा, ”कोविन प्लेटफॉर्म एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज लगाने के लिए अपना डिजिटल सपोर्ट दे रहा है. सेवा परमो धर्म: के साथ भारत सीमित संसाधनों के बाद भी वैक्सीन बनाने में जी जान से लगा हुआ है. भारत ने पहली डीएनए आधारित वैक्सीन का भी निर्माण कर लिया है, जिसे 12 साल से अधिक उम्र वालों को लगाया जा सकता है. इसके साथ ही एक mRNA वैक्सीन अपने डेवलपमेंट के आखिरी फेज में है. भारत के वैज्ञानिक कोरोना की एक नेजल वैक्सीन को बनाने में भी लगे हुए हैं.” पीएम मोदी ने इसके साथ ही कोरोना से मरने वालों के प्रति श्रद्धांजलि भी अर्पित की और कहा कि पिछले डेढ़ साल से दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है.

पाक के कश्मीर राग को भारत की बेटी ने दिया था मुंहतोड़ जवाब

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर राग अलापा था. हालांकि, हर बार की तरह इस बार भी भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई. संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने दो टूक कहा कि आतंकियों का खुला समर्थन करने का पाकिस्तान का इतिहास रहा है. स्नेहा दुबे ने राइट-टू-रिप्लाई का इस्तेमाल करते कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान के नेता ने यूएन के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए किया है. पाकिस्तानी नेता इससे अपने देश की दुखद स्थिति से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां आतंकी खुले घूमते हैं. भारत के इस जवाब के बाद से देशभर में स्नेहा दुबे चर्चा में आ गईं और उनकी प्रशंसा हो रही है.

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