नई दिल्ली अपनी माली हालत से जूझ रही वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें कंपनी ने कहा है कि सरकार की मदद के बिना समायोजित सकल आय (एजीआर) का पूरा सांविधिक बकाया चुकाना संभव नहीं है। कंपनी का कहना है कि सरकार अगर तत्काल मदद करती है तो एजीआर चुकाया जा सकता है।

कंपनी ने संचार मंत्रालय को पत्र लिखा है जिसमें उसने मांग की है कि संकट से गुजर रहे दूरसंचार उद्योग की मदद के लिए सरकार को आधार कीमत की व्यवस्था लागू करनी चाहिए और शुल्क में कटौती भी करनी चाहिए। पत्र में कंपनी ने अपने सांवधिक बकाया को किश्तों में चुकाने की अनुमति भी मांगी है। गौरतलब है कि कंपनी पर 53,000 करोड़ रुपये से अधिक का सांविधिक बकाया है। जबकि वह अभी तक इसका मुश्किल से सात फीसद ही भुगतान कर पाई है।

कंपनी ने कहा, ‘उसकी माली हालत ठीक नहीं है।’ वह अपने उत्तरदायित्व को तभी पूरा कर सकती है जब सरकार सांविधिक बकाया पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज को किश्तों में चुकाने का विकल्प दे। साथ ही माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत इकट्ठा हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट के बकाये का भुगतान कर दे।

कंपनी ने कहा कि सरकार के जीएसटी बकाये का समायोजन करने से उसे सांविधिक बकाया चुकाने में मदद मिलेगी। कंपनी को खुद के आकलन के आधार पर सरकार से जीएसटी क्रेडिट बकाये के रूप में करीब 8,000 करोड़ रुपये चाहिए। कंपनी ने मौजूदा समय में अपने 10,000 कर्मचारियों और 30 करोड़ ग्राहकों का हवाला देखकर सरकार से समर्थन की मजबूत अपील की है।

Input : Dainik Jagran

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