WORLD
कुत्ते कब इंसान के साथी बने थे, हिमयुग के DNA ने दिया जवाब

वैसे तो घोड़े, बिल्ली और अन्य जानवर भी इंसान के पालतू जानवरों की श्रेणी मे आते हैं. लेकिन कुत्तों की बात ही अलग है. लेकिन कुत्ते हमेशा ही इंसान के दोस्त नहीं थे. जानवरों का इतिहास बताता है कि जंगली भेड़ियों से अलग होने के बाद ही कुत्तों का घरेलूकरण होना शुरू हो गया था, लेकिन यह कब और कैसे हुआ यह अभी तक रहस्य ही बना हुआ था. जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए नए अध्ययन में हिमयुग से बर्फ में दबे जंगली भेड़ियों के अवशेष और उनके DNA से पता चला है कि कैसे जंगली भेड़िए इंसानों के दोस्त होते चले गए.
पुरातन भेड़ियों के जीनोम सीक्वेंसिंग
यूके के फ्रांसिस कर्क इंस्टीट्यूट के अनुवाशिकविद एंडर्स् बर्गस्ट्रॉम ने बताया कि वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट के जरिए पुरातन भेड़ियों के जीनोम की सीक्वेंसिंग की संख्या में भारी मात्रा में इजाफा किया जिससे शोधकर्ताओं को भेड़ियों के वंश के इतिहास की विस्तार से जानकारी मिल सकी और वे कुत्ते के उदय के समय का पता लगा सके.
भेड़ियों के वंश इतिहास में कुत्ते
बर्गस्ट्रॉम ने बताया कि वंश के इतिहास की इस तस्वीर में कुत्तों को सही जगह पर रखने के प्रयास में शोधकर्ताओं ने पाया कि कुत्ते अपना वंशइतिहास कम से कम दो अलग भेड़ियों की जनसंख्या से लेकर कर आए हैं. इनमें से एक पूर्वी स्रोत है जिसका सभी कुत्तो में योगदान है और एक अलग पश्चिमी स्रोत है जिसका कुछ कुत्तों में योगदान है.
धुंधला कालक्रम
आज के, छोटे चिहुआहुआ से लेकर ताकतवर मास्टिफ, सभी पालतू कुत्ते एक ही प्रजाति के हैं, वह है कैनिस फैमिलियारिस है. वहीं भेड़ियों के सभी वंशज आज के भूरे भेड़ियों (कैनिस लूपस) के साझेदार हैं. लेकिन इनका कालक्रम बहुत ही धुंधला और विवादित रहा है. कई वैज्ञानिकों ने सुझाया है कि यह प्रक्रिया एक लाख साल से भी ज्यादा पहले के समय से शुरू हुई थी. लेकिन इस पर भी विवाद है.
कब हुई शुरुआत
हालिया अध्ययन में बर्गस्ट्रॉम और उनका साथियों ने 100 से 32000 साल के बीच के कुत्तों का डीएनए को शामिल किया और पाया कि कुत्ते 11 हजार साल पहले अलग हुए थे और उनके अलग होने की प्रक्रिया इससे पहले ही शुरू हुई होगी. माना जाता रहा कि कुत्तों का घरेलूकरण यानि भेड़ियों से अलग होने की प्रक्रिया करीब 40 से 20 हजार साल पहले शुरू हुई होगी और यह भी कि ऐसा दुनिया के अलग अलग हिस्सों में हुआ होगा.
जीनोम की तुलना
यह शोध 72 पुरातन भेड़ियों के जीनोम पर आधारित है, जिसमें से 66 को हाल ही में विश्लेषण के लिए स्कैन किया गया था करीब एकलाख साल पुराने हैं. इसमें यूरोप, साइबेरिया और उत्तर अमेरिका के भेड़ियों की करीब 30 हजार पीढ़ियों को शामिल किया है. इनकी तुलना आधुनिक भेड़ियों, पुरातन और आधुनिक कुत्तों और कोयोट्स जैसे अन्य कैनिड प्रजातियों के 68 जीनोम से तुलना की.
साइबेरिया के अवशेष
इन नमूनों में कुछ साइबेरिया के स्थायी तुषार में 18 हाजर साल से दबे डोगोर कब और 32 हजार साल से दबे भेड़िया का सिर भी शामिल था. जीनोम ने खुलासा किया कि आधुनिक और पुरातन दोनों ही कुत्ते, यरोप की तुलना में एशिया में रहने वाले पुरातन भेड़ियों के ज्यादा नजदीकी संबंधी थे. इससे पता चला कि घरेलूकरण और विविधिकरण पश्चिम की जगह पूर्व में शुरू हुआ होगा.
नेचर में प्रकाशित इस अध्ययन से शोधकर्ता पुरातन भेड़ियों के बारे में और जानकारी भी हासिल कर सके. उन्हें यह भी पता लगा कि बहुत से म्यूटेशन और उससे संबंधित बदलाव सभी भेड़ियों और फिर कुत्तों में भी देखने को मिले. अब शोधकर्ता यह जानने का प्रयास कर रहे हैं वास्तव में कुत्ते भेड़ियों कि किस प्रजाति से अलग होना शुरू हुए थे.
Source : News18
WORLD
चीन से तनाव के बीच ताइवान के बड़े मिसाइल साइंटिस्ट की संदिग्ध मौत, होटल में मिला शव

ताइपे: ताइवान रक्षा मंत्रालय की अनुसंधान एवं विकास इकाई के उप प्रमुख शनिवार सुबह एक होटल के कमरे में मृत पाए गए. ताइवान की आधिकारिक केंद्रीय समाचार एजेंसी ने इस खबर की पुष्टि की है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक ताइवानी सेना के स्वामित्व वाले नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के उप प्रमुख ओ यांग ली-हिंग शनिवार सुबह दक्षिणी ताइवान के एक होटल के कमरे में मृत पाए गए. उनकी मौत के पीछे के कारणों की जांच चल रही है.
ब्रिटिश न्यूज एजेंसी राॅयटर्स ने सीएनए के हवाले से बताया कि ओ यांग ली-हिंग पिंगटुंग के दक्षिणी काउंटी की व्यावसायिक यात्रा पर थे. उन्होंने ताइवान की विभिन्न मिसाइल उत्पादन परियोजनाओं की निगरानी के लिए इस साल की शुरुआत में नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के उप प्रमुख के रूप में पद ग्रहण किया था. ताइवानी सेना के स्वामित्व वाली संस्था इस साल अपनी वार्षिक मिसाइल उत्पादन क्षमता को दोगुना से अधिक, 500 के करीब करने के लिए काम कर रही है. क्योंकि यह द्वीपीय देश चीन के बढ़ते सैन्य खतरे के रूप में अपनी युद्ध शक्ति को तेजी बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है.
विशेष रूप से हाल के महीनों में बीजिंग ने अपनी तथाकथित वन चाइना नीति पर जोर बढ़ाया है और ताइवान के प्रति सख्त रुख अपना रहा है. वर्तमान में चीन, अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के प्रतिशोध में इस द्वीपीय देश की चारो ओर से घेराबंदी कर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रहा है. इस बीच, ताइवान ने चीन की सेना पर शनिवार को अपने मुख्य द्वीप पर हमले का ‘अनुकरण’ करने का आरोप लगाया. नैंसी पेलोसी 25 वर्षों में ताइवान का दौरा करने वाली अमेरिकी संसद की पहली अध्यक्ष हैं.
उन्होंने ताइपे में ताइवान की संप्रभुता और सुरक्षा को बरकरार रखने की वकालत ही. इस घटना के बाद पहले से बिगड़ते संबंधों के बीच अमेरिका और चीन सीधे टकराव की स्थिति में खड़े हो गए हैं. पेलोसी के ताइवान छोड़ने के 18 घंटे बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की सभी शाखाओं ने पहली बार द्वीप को पार कर बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास शुरू किया. चीन ने ताइवान पर न केवल व्यापार प्रतिबंध लगाए बल्कि यह भी कहा कि वह नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कई तरह की बातचीत और सहयोग समझौतों से पीछे हट जाएगा.
Source : News18
WORLD
‘संबंध बनाने के दौरान पार्टनर की सहमति के बिना कंडोम हटाना अपराध ‘, कनाडा SC का फैसला

कनाडा के सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर पार्टनर के कहने के बाद भी अगर शख्स संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल नहीं करता है तो यह यौन हिंसा के दायरे में आएगा। यानि इसे रेप समझा जाएगा।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में ऑनलाइन बातचीत के दौरान महिला और एक पुरुष एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। मुलाकात के दौरान दोनों में सेक्स करने पर सहमति बनी। महिला पक्ष का आरोप है कि बोलने के बाद भी शख्स ने कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया। महिला पक्ष का कहना है कि क्योंकि यौन संबंध बनाने वाला उसके लिए अनजान था, इसलिए संबंध बनाने के बाद महिला ने एचआईवी टेस्ट किया, ताकि यह जाना जा सके कि कहीं वो एचआईवी पॉजिटिव तो नहीं है।
महिला की पहचान को गुप्त रखा गया है। वहीं, प्रतिवादी रॉस मैकेंजी किर्कपैट्रिक है, जिस पर महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि निचली अदालत ने किर्कपैट्रिक के इस तर्क को स्वीकार करते हुए आरोप को खारिज कर दिया था कि शिकायतकर्ता ने कंडोम पहनने में विफल रहने के बावजूद यौन संबंधों के लिए सहमति दी थी।
इस फैसले को बाद में ब्रिटिश कोलंबिया कोर्ट ऑफ अपील ने पलट दिया था। इसके बाद प्रतिवादी किर्कपैट्रिक ने उस फैसले के खिलाफ देश की शीर्ष अदालत में अपील की, जिसने पिछले नवंबर में दलीलें सुनीं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “कंडोम के बिना संभोग करना और कंडोम के साथ संभोग की तुलना में एक मौलिक और गुणात्मक अंतर है।” पीठ ने इस मामले में 5-4 वोट के बाद फैसला सुनाया। फैसला महिला के पक्ष में रहा।
अदालत ने कहा, “कंडोम का उपयोग अप्रासंगिक, गौण या आकस्मिक नहीं हो सकता है जब शिकायतकर्ता ने इस पर अपनी सहमति स्पष्ट रूप से दी हो।” गौरतलब है कि ब्रिटेन और स्विटजरलैंड की अदालतों ने भी लोगों को संभोग के दौरान कंडोम निकालने को अपराध की श्रेणी में रखा है।
Source : Hindustan
WORLD
टूर्नामेंट में चेस खेल रहे रोबोट ने तोड़ दी 7 साल के बच्चे की उंगली

मॉस्को. रूस की राजधानी मॉस्को में पिछले हफ्ते शतरंज का एक मुकाबला चल रहा था. इस दौरान एक रोबोट ने एक सात साल के बच्चे की उंगली तोड़ दी. रूस के एक अखबार की रिपोर्ट में इस घटना की जानकारी दी गई है. तास न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मॉस्को चेस फेडेरेशन के प्रेसीडेंट सर्गेई लाजरेव ने बताया, ‘रोबोट ने बच्चे की उंगली तोड़ दी. यह वाकई में बहुत बुरा है.’
सोशल मीडिया पर शेयर किए एक वीडियो में रोबोट और बच्चे के बीच शतरंज के मुकाबले को देखा जा सकता है. वीडियो में रोबोट पहले बच्चे की चेस की एक गोटी को उठाकर बाहर कर देता है. इसके बाद बच्चा अपनी चाल चलता है, लेकिन रोबोट उसकी उंगली पकड़ लेता है जिससे वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच जाता है. बच्चे की मदद करने के लिए चार लोग आगे आते हैं. आखिरकार उसे रोबोट की पकड़ से आजाद करवा लेते हैं. लाजरेव ने कहा कि मशीन इससे पहले बिना किसी हादसे के कई मैच खेल चुकी है.
All acquisition that advanced AI will destroy humanity is false. Not the powerful AI or breaching laws of robotics will destroy humanity, but engineers with both left hands :/
On video – a chess robot breaks a kid's finger at Moscow Chess Open today. pic.twitter.com/bIGIbHztar
— Pavel Osadchuk 👨💻💤 (@xakpc) July 21, 2022
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा 19 जुलाई को हुआ था. बाज़ा टेलीग्राम चैनल ने सबसे पहले इसकी वीडियो क्लिप शेयर की. लाजरेव ने कहा कि जाहिर है कि ऑपरेटर्स ने इसकी अनदेखी की. बच्चे ने अपनी चाल चली और इसके बाद हमें प्रतिक्रिया के लिए रोबोट को समय देना पड़ता है. बच्चे ने जल्दबाजी दिखाई और रोबोट ने उसे पकड़ लिया. तास ने बताया कि बच्चा अगले दिन खेलने में सक्षम था और उसने टूर्नामेंट के अंतिम दिनों में अपना गेम पूरा किया.
मॉस्को के हादसे ने लोगों में रोबोट के प्रति डर पैदा कर दिया है. वीडियो के नीचे एक यूजर ने कमेंट किया, ‘कभी भी कंप्यूटर से जीतने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.’
Source : News18
-
BIHAR4 weeks ago
आईटीआई पास छात्रों को अग्निवीर बनने का मौका
-
BIHAR3 weeks ago
बिहार दारोगा रिजल्ट : छोटी सी दुकान चलाने वाले सख्स की दो बेटियाँ एक साथ बनी दारोगा
-
BIHAR1 week ago
बिहार: मैट्रिक व इंटर पास महिलाएं हो जाएं तैयार, जल्द होगी 30 हजार कोऑर्डिनेटर की बहाली
-
INDIA3 weeks ago
प्यार के आगे धर्म की दीवार टूटी, हिंदू लड़के से मुस्लिम लड़की ने मंदिर में की शादी
-
BIHAR3 weeks ago
बिहार में तेल कंपनियों ने जारी की पेट्रोल-डीजल की नई दरें
-
BIHAR4 weeks ago
बिहार में युवक की पीट-पीटकर हत्या, प्राइवेट पार्ट को काट डाला
-
BIHAR4 days ago
बीपीएससी 66वीं रिजल्ट : वैशाली के सुधीर बने टॉपर ; टॉप 10 में मुजफ्फरपुर के आयुष भी शामिल
-
BIHAR4 weeks ago
पिता ने ट्यूशन फीस के लिए दिए 60 हजार रुपए, बेटे ने साइलेंसर वाली पिस्टल खरीद पिता की हत्या