नींबू की बढ़ी कीमत से जहां लोग परेशान हैं, वहीं नींबू उगाने को लेकर जमुई जिले के नक्सल इलाके से दूर एक गांव सुर्खियों में आया है. यहां की आदिवासी महिलाएं खुश हैं कि उनके खेत में लगे नींबू से इस बार अच्छी कमाई होगी. दरअसल जिले के सिकंदरा इलाके के धनमातरी गांव के एक दर्जन परिवार की आदिवासी महिलाएं बंजर जमीन को उपजाऊ बनाते हुए डेढ़ एकड़ में नींबू की खेती कर समृद्धि की राह पर चल दी हैं. दरअसल, यहां के अधिकतर पुरुष रोजी-रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर जाते हैं. लेकिन यहां की महिलाएं आत्मनिर्भर होकर परिवार को आर्थिक मजबूती दे रही हैं. सामूहिक खेती कर ये आदिवासी महिलाएं अब हजारों की कमाई कर रही हैं. सिंचाई सुविधा के अभाव में जो खेत बंजर थे, अब इन महिलाओं के दम पर नींबू के पौधों और फलों से लहलहा रहे हैं. यहां का नींबू बिहार के बिहार शरीफ, पटना के अलावा झारखंड के रांची और जमशेदपुर की मंडियों तक जाता है.
लगभग 700 की आबादी वाला गांव है धनमातरी. यह आदिवासी बहुल इलाका है. यहां के लोग अबतक खेती से दूर थे, परिवार के लिए मर्द दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी करते हैं और औरतें भी मजदूरी करती थीं. लेकिन 12 परिवार की महिलाओं ने प्रेरणा लेकर अपनी बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने की ठान ली. फिर इन महिलाओं ने मेहनत कर जमीन को उपजाऊ बनाया और नींबू, अमरूद के पौधे चार साल पहले लगाए थे.
लगभग डेढ़ एकड़ की जमीन पर इस गांव की महिलाओं ने नींबू के जौ पौधे लगाए थे, अब वे फलों से लद चुके हैं. जनवरी-फरवरी महीने में इन महिलाओं ने 6 से 7 हजार की कमाई की, अब जब नींबू की कीमत बढ़ी है तो मई-जून में इनकी कमाई तिगुनी हो जाएगी. मजदूरी छोड़कर किसान बनीं इन महिलाओं को गर्व है कि उन्होंने मिसाल कायम किया है. कौशल्या देवी, गीता देवी और मंजू देवी का कहना है कि जमीन बंजर पड़ी थी. सिंचाई की कोई सुविधा नहीं थी. सामूहिक खेती अपनाते हुए बोरिंग करवाकर पहले तो सिंचाई का जुगाड़ किया और तब बंजर जमीन को उपजाऊ बनाते हुए खेती-बाड़ी शुरू की. अब आमदनी हो रही हैं. वे कहती हैं कि अब जब नींबू की कीमत बढ़ी है तो उन्हें उम्मीद है कि अगले सीजन में उनकी जेब में आमदनी ज्यादा बढ़ेगी.
Source : News18